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जिस दिन बदल में आसमानों सा गया
छोड़ कर यह दुनिया ही मानो मैं गया,
रख बोल अपने तू सजाकर शौक से
कैसे सुनूं आवाज तेरी तू बता ,जो अब मैं मर गया,
सहमा रहा जो शख्स तेरे आने तक
वह आने से तेरे पूरा का पूरा भर गया,
रूहानी साज, गर्म अंदाज, हुई आवाज
जो सब छोड़ आया था वह फिर से घर गया,
वह लड़खड़ता जा रहा था सीढ़ियों पर
संभालता कोई उसको, पहले हि वह गिर गया
दरिया जो जमा करते हो तुम इन आंखों में
एक रोज कह दोगे कि मन मेरा भर गया
एक रोज कह दोगे कि मन मेरा भर गया ।।
RAAJAN
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