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आंखों में इक आस लिए मन मे दृढ़ विश्वास लिए
मैं मिलुंगा तुमसे जल्द प्रिये अरमान बहुत कुछ खास लिए
जो प्रेम में बाधक बनते है वो प्रेम की मादकता क्या जाने
जो शब्द हृदय में चुभते है वो चुभन की पीड़ा क्या जाने
सर्वस्व समर्पित करूँगा तुमपर अधरों पर उपवास लिए
मैं मिलुंगा तुमसे जल्द प्रिये, अरमान बहुत कुछ खास लिए<
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