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मेरे शहर की पगडंडियां
खत्म हो चुकी हैं
वो बाग फल फूल वो डंडियां
खत्म हो चुकी हैं
बड़े बड़े बाजार
उग आए हैं जिधर भी
नजर डालो
वो परचून की दुकान
वो मंडियां
खत्म हो चुकी हैं।
तीज त्
खत्म हो चुकी हैं
वो बाग फल फूल वो डंडियां
खत्म हो चुकी हैं
बड़े बड़े बाजार
उग आए हैं जिधर भी
नजर डालो
वो परचून की दुकान
वो मंडियां
खत्म हो चुकी हैं।
तीज त्
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