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जब वक्त का चाबुक चलता है

Raj vardhan JoshiRaj vardhan Joshi March 14, 2022
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जब वक्त का चाबुक
चलता है
हर फर्द 
उखड़ने लगता है
संगेमरमर की दीवारों से
गर्द सा झड़ने लगता है
महलों दुमहलों में झुरमुट
दश्त सा उगने लगता है
घटने लगती है जब जब आमद
तब खर्च भी बढ़ने लगता है
पैदल हो जाता है इ

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