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एक नन्ही जलधार

Raj vardhan JoshiRaj vardhan Joshi March 15, 2022
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एक नन्ही जलधार
किसी पाषाण से
कितना प्रेम 
कर सकती है
निरंतर शीतलता
आच्छादन 
मस्तक आलिंगन
चरण वंदन 
कर सकती है
बदल सकती है
रूप आकार
स्वभाव और
शनैः शनेः
उस प्रस्तर अगाध
पिण्ड को
धूल कण में
भी बदल
सकती है।
'राज वर्धन जोशी'

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