
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
अश्रु और भावों का
सजीव संयोजन होगा
आज फिर मेरे ह्रदय आंगन
पुनीत आयोजन होगा
दृष्टि ने दृश्यों को
आमंत्रित किया है
हृदय ने प्रसंगों को
अभिमंत्रित किया है
अतिथि होंगी
अतीत की कुछ घटनाएं
कुछ शब्द अभिव्यक्ति
कुछ वर्जनाएं
जो त्याज्य थीं
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments