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अपनी अपनी गठरी सबकी
अपना अपना सबका दुखड़ा
अपनी अपनी सबकी ढपली
सबका अपना अपना मुखड़ा।
अपना अपना किस्सा सबका
किसका कितना कितना हिस्सा
टुकड़ा टुकड़ा दुखड़ा सबका
सबकी ढपली मुखड़ा दुखड़ा।
'राज वर्धन जोशी'
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