कल रात's image
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रात भर जोर की बरसात हुई 

हर तरफ सिर्फ अंधेरा था ऐसी रात हुई 

कभी चमकी अगर बिजली तो उजाला देखा 

वरना यह रात स्याह रात हुई ।


रात भर साथ रहे, जाग रहे थे तुम भी 

फिर भी कुछ कहा नहीं, न ही कोई बात हुई 

सुबह मुंह फेर

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