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हे गणपति
गजवदन, विनायक
एकदन्त।
हे विघ्नविनाशक
महिमा गाते हैं
साधु-संत।
हे पार्वती नन्दन
शोक निकन्दन
वेदव्यास का लिखा ग्र॔थ।
हे मोदकप्रिय
हे प्रथम पूज्य
सबके दुखों का करो अंत।
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हे गणपति
गजवदन, विनायक
एकदन्त।
हे विघ्नविनाशक
महिमा गाते हैं
साधु-संत।
हे पार्वती नन्दन
शोक निकन्दन
वेदव्यास का लिखा ग्र॔थ।
हे मोदकप्रिय
हे प्रथम पूज्य
सबके दुखों का करो अंत।
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