कलकत्ता अब कोलकाता कहा जाता है। भूत और चुड़ैल उड़ चले ब॔गाल का जादू देखने के लिए। वहां का जादू सर चढ़कर बोलता है। मोदी और शाह समेत पूरा दल बल इसे तब समझ पाया जब पूरा निवेश व्यर्थ हो गया। 'लास्ट फ्र॔टियर 'अविजित रह गया वर्ना राजनीति की दशा और दिशा ही बदल गई होती। उपचुनावों का परिणाम भी उत्साहवर्धक नहीं रहा।
नगर भ्रमण की शुरुआत हावड़ा ब्रिज देखने से हुई। वहां से धर्मतल्ला पहुंचकर मैदान स्टेशन तक मेट्रो की यात्रा का आनन्द लिया।स्टेशन से बाहर निकले तो थोड़ी ही दूर पर प्लेनेटेरियम की गोलाकार बिल्डिंग थी जिसे ताराम॔डल भी कहते हैं। वहां तारों और नक्षत्रों के बारे मे बताया जाता है। पास में ही विक्टोरिया मेमोरियल था। उसे भी देखा। ऐतिहासिक ईडन गार्डन देखा जहां विशाल स्टेडियम में क्रिकेट मैच देखने का अलग ही मजा है। कोलकाता में जनता की क्रिकेट और फुटबाल के प्रति दीवानगी और जोश प्र
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