राज किशोर मिश्र's image
Share0 Bookmarks 49913 Reads2 Likes

उदीयमान साहित्यकार राज किशोर मिश्र जी एक ऐसे कलमकार हैं जिनकी पृष्ठभूमि तो अभियांत्रिकी की रही है, किन्तु लगाव सदा ही साहित्य से रहा। इनसे हिन्दी एवम् मैथिली साहित्य को बहुत सारी अपेक्षाएँ हैं। 

                इन्होंने बी. टेक (विद्युत )की पढ़ाई, आइ.टी.बीएचयू(जो कि वर्तमान मे आइ.आइ. टी, बी एच यू,वाराणासी है) से सन् 1982 मे पूरी की। यू .पी. एस. सी. द्वारा संचालित इंजीनियरी सेवा परीक्षा 1982,में चयन होने पर, दूर -संचार विभाग, भारत सरकार में सहायक कार्यपालक अभियंता (विद्युत) के पद पर इनकी पदस्थापना हुई। दूर-संचार विभाग एवम् बी. एस. एन. एल में लगभग 34 साल सेवा प्रदान करने के बाद ,सन 2020 मे ,बी. एस. एन. एल मुख्यालय से मुख्यमहा प्रबंधक (विद्युत) के पद से इनकी सेवानिवृत्ति हुई। 

                   साहित्य के क्षेत्र से इनका जुड़ाव सेवा -काल से ही था। अबतक इनकी सोलह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें ग्यारह पुस्तकें हिन्दी साहित्य में हैं, और पांच मैथिली में। 

              हिन्दी भाषा में इनके द्वारा रचित पुस्तकों के नाम क्रमशः इस प्रकारहैं : प्रवाहिनी,ऊर्जा-वर्णन, संवेग, प्रदूषण, जल-संकट, पुष्परेणु, शतभिषा, जल-लता, वेणु -पत्र, कृतांजली एवम् त्विषा। ये सभी पुस्तकें काव्य -रचनाएँ हैं जिनमें अधोलिखित तीन पुस्तकें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं : उर्जा -वर्णन, प्रदूषण एवम् जल -संकट। 

         ऊर्जा -वर्णन (खण्ड-काव्य) एवम् प्रदूषण (खण्ड -काव्य) को, इंडिआ बुक आफ रिकार्ड्स द्वारा हिन्दी में प्रथम काव्य, ऊर्जा -वर्णन पर, तथा प्रदूषण पर, घोषित किया गया है। जल -संकट (खंण्ड -काव्य) लिखने के लिए राज किशोर मिश्र जी की प्रशंसा, इंडिआ बुक आँफ रिकार्डस मे, अंकित की गई है। 

         हिन्दी की बाकी पुस्तकें, विविध विषयों पर आधारित हैं। इनकी साहित्यिक रचनाएँ मुख्य रूप से, प्रकृति के विराट व्यक्तित्व, मनुष्य का बहुआयामी स्वभाव, देशभक्ति, सामाजिक समस्याएँ एवम् अन्य प्रासंगिक विषयों पर आधारित होती हैं।

         विषय -वस्तु, समस्या की विवेचना के संग -संग समीचीन समाधान युक्त हुआ करती हैं, जिसमें सकारात्मकता पर विशेष बल रहता है। 

         वैज्ञानिक सोच, प्रदूषण -नियंत्रण एवम् जल -संरक्षण को केन्द्र में रखकर बहुत -सी रचनाएँ की गयी हैं। 

         इसके अलावा, मैथिली भाषा में भी अबतक इन्होंने पाँच पुस्तकों की रचना की है जिनके नाम हैं ;मेघपुष्प, मंथन, अष्टदल, नव पात -नव बात, एवम् चाननि। 

         इन्हें अबतक सात पुरस्कारों से नवाजा गया है जिनमें SAARC Regional Brilliance Award 2022  विशेष रूप से उल्लेखनीय है। अति प्रतिष्ठित पत्रिका       FoX story India द्वारा जुलाई 2022 के अंक में राज किशोर जी को 100 Influential Indians में शामिल किया गया है। 

         इनकी कुछ रचनाएँ नीचे दी जा रही हैं:

पुस्तक :शतभिषा 

कविता :सन्नाटा     

         मरघट के निस्तब्धता में, 

         दुःख का अश्रु दिखता है, <

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts