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धवल उज्ज्वल चांदनी सी ,
नदी हो तुम , नदी हो तुम ।
हलचल करती लहराती
मचलती इठलाती बलखाती ,
नदी हो तुम , नदी हो तुम।
कल कल की मधुर ध्वनि कानों में घोलती ,
मीठे सपने दिखाती ,
नदी हो तुम , नदी हो तुम ।
पर्वतों खंडहरों को चीरकर,
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