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सीता का रसातल में प्रवेश

Rahul VinchurkarRahul Vinchurkar December 31, 2021
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नादान प्रजा को समझाने को

उनके सारे संशय मिटाने को

पवित्रता का विश्वास दिलाने को

परिजनों से मेल कराने को

महृषि वाल्मिकी अयोध्या आये

लवकुश सीता को साथ लाये


मेरी विनति सुनो हे राजन

सीता है अग्नि सी पावन

सीता सदैव ही रही साफ़ निश्छल

अन्यथा मेरी संपूर्ण तपस्या हो निष्फल

कभी मैंने नहीं किये मिथ्यावाचन

अब अपने पुत्रो का करो आलिंगन


सीता की अग्निपरीक्षा मेरा था अपयश

क्या करता मैं लोकनीति से था विवश

आपकी कथनो की सत्यता को मानता हूँ

सीता की पवित्रता को अंतःमन से जानता हूँ

सीता शपथ ले अपनी पवित्रता की

सीमाएं नहीं रहेंगी मेरी प्रसन्नता की


सविनय निवेदन है त्राता

सुनो पुकार मेरी माता

यदि मन

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