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चल रहा हू तेरी खोज मे
क्या तू कभी मुझे मिलेगी
सारी जिंदगी निकल गई है यू जलते- जलते
खाबो की आस मे चलते-चलते
सुबह से चल रहा हू क्या ये शाम कभी ढलेगी
इतना चल लिया हू तेरी चाहत मे ए कामयाबी,
क्या कभी तू मुझे मिलेगी॥
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