
Share0 Bookmarks 66 Reads1 Likes
रातों से दिल घबराता है, खामोशी मुझे सताती है,
इस मुलायम बिस्तर पर माँ नींद मुझे नहीं आती है।
तारें सब छुप जाते है, रातें दिन जैसी होती है,
पैसा है खुदा यहाँ, इबादत जिसकी होती है।
भूख होने पर भी रोटी मुझे नहीं भाती है,
तेरे इस लाल को ए माँ नींद नहीं यहाँ आती है।
सत्य और ईमानदारी का पाठ जो तुमने मुझे पढ़ाया है,
कदम-२ पर इस दुनिया ने भ्रम बता झूठलाया है।
बेईमानी मक्कारी के दौर में सच्चाई टिक नहीं पाती है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments