
Share0 Bookmarks 187 Reads0 Likes
तुम मुस्कुराया करो
जब मुस्काते हो तो दिखता है तुममें
तुम्हारा वो बचपन
जो तुम छुपाये फिरते हो ज़माने से,
अकड़ूपन के पीछे का वो नटखट शैतान बच्चा
जिसके बारे में माँ ने मुझे बताया था।
मुस्कुराते हो तो एक शिशु लगते हो,
जैसे कोई बच्चा पहली बार रेल यात्रा पर निकला हो
और दोनों तरफ से गुज़रती पहाड़ियों
को देख एक सहज अनुभव कर रहा हो,
आंखों की शांति और चेहरे की मुस्कान
मुझे भी उस लंबी रेल यात्रा का आभास करवा जाती है।
- राहुल अभुआ 'ज़फर'
#MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #Poetry #Actor #Filmmaker #PoetryCollection #Book #Poetrybook #Amazon #Flipkart #writer
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments