Share0 Bookmarks 245920 Reads1 Likes
Rachna's लाॅक डाउन वाली रचना:
१.प्रकृति की संतान हैं हम
सदा जननी पर आश्रित हैं
पर शक्ति के अभिमान ग्रस्त हो
हमने बांधा इसे जंजीरों में
धरोहरें लूटी किया शोषण
उसका जिसने सदा किया हमारा पोषण
हाय!कैसी संतानें हैं??
अब नहीं तो कब संभलेंगे हम?
२.माता ने अपने सारे फर्ज निभाए
अपनी संतानों को संपन्न बनाया
जिसने जैसा कर्म किया, वैसा भाग उसने पाया
पर वो माता ही होती है जो
गलती पर बच्
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments