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मेरी हर ख़्वाहिशों को ख़ुदाया तू ज़मीं दे दे
मेरे खुदा कि तू मुझे एक और जिंदगी दे दे
ज़ायक़ा हर पल-पल का लगता है नया नया सा
मेरे बचपन की जिंदगी का फिर ज़ायक़ा दे दे
© रविन्द्र कुमार भारती
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