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सितारे गिरते हैं/टूटते हैं/मिटते हैं/ बार-बार/
नई सम्भावनाओं की तलाश में/
हाँ सितारे टूटते हैं/ नया आकार पाने के लिए/
नये-नये /कवि-लेखक/ पनपते हैं/
धरती में छिपे/बीज की तरह/ निकल आते हैं/
समय आने पर/फूलते हैं/फलते हैं/और/
अंततः झरकर/अपना सबकुछ 'सुन्दर'/दे जाते हैं/
'बो' जाते हैं/ शाश्वत!शब्द-बीज/जो समय के साथ उग आते हैं/
सबके काम आते हैं/सार्थक/ हो जाता है जीवन!
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