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तेरी भक्ति की दिल में लगी जब लगन
करता रहता हूँ हरदम तुझे ही नमन
साथ तेरा मिला हाथ तेरा मिला
जिंदगी में नया रंग भरने लगा
होश खोता नहीं गम में रोता नहीं
जागतिक बन्धनों में भी रमता नहीं
जिंदगी में बहुत पाप मैंने किये
हे प्रभो! तुमने मुझको लगाया गले
अब मैं करता हूँ, तेरी हीअभ्यर्थना
दे दे अपनी तू भक्ति यही प्रार्थना
मैं अधम से अधम कर्म करता रहा
पाप के आचरण को ही धरता रहा
फिर भी कितना क्षमावान है तू प्रभो
इस अधम पापी को कर दिया तू क्षमा
धर्म धरता चलूँ कर्म करता चलूँ
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