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पुरानी उम्र का किस्सा हूँ मैं
तुम्हारी रूह का हिस्सा हूँ मैं।
इतनी बेरूख़ी से
'नजर-अंदाज' मतकर मेरे बच्चे!
तेरे लिए, अब भी–
बहुत ही ख़ास हूँ मैं।
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पुरानी उम्र का किस्सा हूँ मैं
तुम्हारी रूह का हिस्सा हूँ मैं।
इतनी बेरूख़ी से
'नजर-अंदाज' मतकर मेरे बच्चे!
तेरे लिए, अब भी–
बहुत ही ख़ास हूँ मैं।
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