नेताजी आये हैं's image
Poetry1 min read

नेताजी आये हैं

R N ShuklaR N Shukla March 26, 2023
Share0 Bookmarks 43253 Reads0 Likes
नेता जी आये हैं 
एक सुनिश्चित 
काल-खण्ड में
अतिसुंदर –
मार्तण्ड-हाल में 
ठहरे हैं ।

जनता से वो 
मिलने निकले 
जिंस जिस्म पर 
गन लटकाये
फॉर्चुउनर से 
नीचे उतरे ...
पान कचरते ,
पिच-पिच करते
गली-कूचों को 
गन्दा करते।

धन्य हुआ 
सौभाग्य हमारा
हमसे हाथ मिलाये हैं 
नेता जी आये हैं ।

मुद्दों की क्या बात करें वो
भागे – भागे चलते हैं।

जन–भागों को–
जबड़ों में दाबे 
पान सरीखे
कूँच-कूँच कर ,
जनता का रस 
चूस-चूस कर

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts