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नई आवाज़ बनकर जब
मचलकर चल दिए हैं हम !
क़सम से कारवाँ –
बनता चलेगा ....
मुश्किलों के दौर में ,
तू अधिक मत सोच ! कर
हौसला भरकर हृदय में
चल तू अपने कर्म-पथ पर !
देखना –
एक दिन बदलियाँ –
स्याह की छँट जाएँगी !
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