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दर्द-ए-दिल को सहेजता जा
लोगों में प्यार बिखेरता जा
नफ़रतें मत पाल अपने दिल में
मोहब्बत का पैगाम बन जा !
दुनिया में आये हो मोहब्बत लेकर
तो अवाम-ए-जिंदगी सवाँरता जा
इस जिंदगी से रुख़्सती से पहले
मोहब्बत की शमा जलाता जा..
क्या लेकर आया था ,
क्या लेकर जाएगा ?
कुछ बेहतरीन करगुजर दुनिया में
दुनिया में तेरा नाम लिया जाएगा !
जहर बोयेगा जो इस दुनिया में ,
तो जहर ही तेरे हिस्से में आयेगा !
वक्त से पहले सम्हल जा ऐ इंसा !
वर्ना पछताता हुआ चला जायेगा !
जाने के बाद उसके दरबार में
तेरा हिसाब–किताब होगा !
तुमसे बहुतसारा सवाल होगा
हिसाब –किताब जो गलत हुआ तेरा !
तो , उसकी भारी कीमत चुकाएगा !
इंसान बनकर के इस दुनिया में
तू कभी वापस नहीं आ पायेगा !
नरक की ही हवा खायेगा !
पछतायेगा ! पछतायेगा .....
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