मानव-धर्म's image
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कभी किसी का 
दिल मत तोड़ो !
पथरीली राहों से –
कभी भी मुँह मत मोड़ो !

कभी मन को –
उजाली रात बनाकर तो देखो !
उजली चाँदनी में –
कभी नहाकर तो देखो !

प्रकृति के'मौन-स्वर'में–
कभी अपना  स्वर 
मिलाकर तो देखो !
मन के सारे –

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