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घर वही रहता है !
घर के मंजर बदल जाते हैं
जब कभी घर में माँ नही होती !
घर भर के चेहरे अजीब बन जाते हैं ।
माँ ! है तो घर है ।
"माँ"नहीं घर,घर नहीं ।।
जो माँ को खुश रखते हैं ,
उन पर ईश्वर! खुश रहता है !
जो माँ की इज्जत नहीं करता
उसकी इज्ज़त कोई नहीं करता ।
कुछ अभागे ऐसे भी हैं जिनको
मां से मिले वर्षों बीत जाते हैं ।
कुछ उनसे भी आगे हैं –
वृद्धाश्रम में डाल जाते हैं ।
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