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मैं उल्लू हूँ !

R N ShuklaR N Shukla June 15, 2022
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मैं उल्लू हूँ ! 

उजाले में दुबका रहता हूँ !
अँधेरे में  चमक उठता हूँ !

दिन का प्रकाश मुझे नहीं भाता !
अंधेरे में ही मुझे जीना है आता !

अन्धकार ही है ,मेरी नेत्र-ज्योति !
मेरे लिए प्रकाश

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