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मैं कवि दिनकर समूचा राष्ट्र हूँ मैं
भारत के जन-मन की, नई आवाज हूँ मैं,
मैं, दिनकर-भाष्कर व भानु हूँ मैं
भावों-विचारों और भाषा की अलग 'पहचान हूँ' मैं
मैं कवि दिनकर, 'समूचा राष्ट्र हूँ' मैं
क्रूरता, असमानताओं का वही 'प्रतिकार हूँ' मैं
अपनी संस्कृति व सभ्यता का नया आगाज़ हूँ मैं
मैं 'कवि दिनकर','समूचा राष्ट्र हूँ' मैं…
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