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१–नफ़रतों के दौर में भी
प्यार करना कब मना है ?
२–तेरी नफ़रतें ग़र आखिरी नहीं हैं
तो मेरे प्यार करने की –
जिद्द भी आखिरी नहीं है !
३–तेरे घर के सामने –
एक घर बनाना चाहता हूँ
ऐ मेरे हमदम ! तुम्हें–
मैं आजमाना चाहता हूँ !
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