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सुबह से शाम तक,
सन्ध्या से रात तक
चहुँ दिश कोहरे का
फैला साम्राज्य है।
न चिड़ियों की चह चह
न झिंगुरों के सुर-ताल
नर-नारी पशु-पंछी
सभी का बुरा हाल है
सड़कों पर पी पी न पों पों
हर तरफ शान्ति ही शान्ति है
द
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