किसी से कम कहाँ हैं बेटियाँ !'s image
Poetry2 min read

किसी से कम कहाँ हैं बेटियाँ !

R N ShuklaR N Shukla May 23, 2022
Share0 Bookmarks 45394 Reads0 Likes
किसी से कम नहीं हैं –बेटियाँ !
सृष्टि की श्रृंगार ! हैं हमारी बेटियाँ !

तम में सुन्दर विहान हैं बेटियाँ !
उमस भरी  जिंदगी  में –
सुन्दर-सुखद बरसात हैं बेटियाँ !

किसी से कम कहाँ  हैं बेटियाँ ?
घर हो ,समाज हो ,या हो –
कालेज का विस्तृत प्रांगण !
गीत हो संगीत हो 
कोई  भी  चाहे  क्षेत्र हो !
हर क्षेत्र में कीर्तिमान गढ़ती
चल रही हैं  बेटियां !

प्रधान हों , डिप्टी हों , कलक्टर हों –
वकील–न्यायाधीश , ज्ञान-विज्ञान !
चाहे हो कोई भी उच्चपदस्त पद !
अपने फैसलों और प्रतिभा से  –
अचंम्भित कर रही हैं बेटियां ! 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts