कविता में भाव–चित्र !'s image
Article2 min read

कविता में भाव–चित्र !

R N ShuklaR N Shukla October 6, 2022
Share0 Bookmarks 31398 Reads0 Likes
कविता में यदि सार्थक शब्द-विधान है ,तथ्य ,जमीन से जुड़े हैं तो उसमें स्वतः ही सौंदर्य खिल उठता है। कवि-कल्पनाएं मूर्त हो उठती हैं ! यदि उसके साथ भावों के अनुरूप मर्यादित चित्र संलग्न है तो  कविता में निहित भावों की अनुपम अभिव्यक्ति में चार-चाँद लग जाते हैं । 

हिंदी साहित्य में बहुतेरे ऐसे कवि हैं जिन्होंने कविताओं में
बिम्बों , प्रतीकों , शब्द-चित्रों आदि से भाव-सौंदर्य की अद्भुत छटा बिखेर दिया है । 

पद्मश्री विभूषित भवानी प्रसाद मिश्र जी की एक कविता की कुछ पंक्तियाँ उद्धृत हैं , जि

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts