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ऊर्जस्वित दृग बिंदु !
बन गया है अब यह जीवन मेरा !
'बिंदु-पथ के बिंदु' समेटे
चमक उठा जीवन मेरा!
इस करुणामयहृदय-छोर से
निकली एक किरण जो–
न जाने कितने जीवन को
करती ही गई आलोकित !
यही है,इस जीवन का'सार'यही है
अब यह जीवन! 'भार'नहीं है !
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