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तुम चिर सुंदर ! आनंद - धाम !
सत्य रूप ! तुम शान्त –भाव !
हे निर्विकार ! करूणा अपार !
ममहृदय क्लेश तम हर विषाद !
तू है अनादि औ' अंतहीन !
तू महाछंद ! मैं छन्दहीन!
हे विश्वेश्वर ! हे सर्वेश्वर !
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