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दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं !
१
यह हृदय का दीप है ,
दीप ! यह बुझने न पाये !
ज्ञान का आलोक लेकर
सत्य भावों को जगाकर
विषमभावों को भगाकर
जल ! अचंचल ! दीप मेरे
सुपथ - मार्ग प्रशस्त कर दे
अज्ञानता के निविड़ तम में
ज्ञान – ज्योति प्रपात बन
सम्पूर्ण वसुधा जगमगाये
दीप ! यह बुझने न पाए !
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