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सपने वो बुनते रहते हैं ,
मैं पूरा करता रहता हूँ !
प्रश्न वो गढ़ते है रहते हैं
मैं उत्तर हो जाया करता हूँ
शायद वो नहीं जानते कि –
स्वयं गढ़े प्रश्नों के जाल में
मकड़ी की तरह फँसकर
अपना अस्तित्व ही मिटायेंगे
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