अज़ीब है ये ज़िंदगी का सफ़र's image
Poetry1 min read

अज़ीब है ये ज़िंदगी का सफ़र

R N ShuklaR N Shukla May 4, 2022
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
सपने वो बुनते रहते हैं , 

मैं  पूरा करता रहता हूँ !

प्रश्न वो गढ़ते है रहते हैं

मैं उत्तर हो जाया करता हूँ

शायद वो नहीं जानते कि –

स्वयं गढ़े प्रश्नों के जाल में   

मकड़ी की तरह फँसकर

अपना अस्तित्व ही मिटायेंगे

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts