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तुम रोकते और पूछते

R Dilshad ahmadR Dilshad ahmad March 21, 2023
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तुम रोकते और पूछते
मैं रुकता और सारा माजरा सुनता
तुम सवाल पे सवाल करते
मैं मजबूरियां पे मजबूरियां गिनता
तुम रो रो कर अपना बुरा हाल कर लेते
 मैं सारी मजबूरियां भूल कर रुक जाता
और तुम्हें गले से लगा लेता
मगर हाय!
ऐसा हुआ नहीं
तुमने मुझे रोका नहीं
और मैं रुका नहीं
तुमने कुछ पूछा नहीं
मैंने कुछ कहा नहीं।

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