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तुम रोकते और पूछते
मैं रुकता और सारा माजरा सुनता
तुम सवाल पे सवाल करते
मैं मजबूरियां पे मजबूरियां गिनता
तुम रो रो कर अपना बुरा हाल कर लेते
मैं सारी मजबूरियां भूल कर रुक जाता
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