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आओ मेरे यारों आज़ादी की याद करें

Pushpendra KumarPushpendra Kumar February 24, 2023
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आओ मेरे यारों आज़ादी की याद करें
अन्याय असमानता और अत्याचार पर
फिर से वार करें, फिर से वार करें
बढ़ते सांप्रदायिक माहौल पर
बिस्मिल अशफ़ाक दोस्ती का
सौहार्द रूपी वार करें,
बिस्मिल अशफ़ाक दोस्ती का
सौहार्द रूपी वार करें
आओ मेरे यारों आज़ादी की याद करें
जहां बात बात में व्यक्तिवाद है
वहां भगत का समाजवाद भरें
जहां स्वकल्याण स्वहित का नारा है
वहां जनहित की हम बात करें
सदियों से वंचित अधिकारों से जो
वह स्त्री जाति की बात करें
आओ मेरे यारों आज़ादी की याद करें
खौफजदा इन गलियों में
आज़ादी की हवा बहे
सूरज सर पर हो 
या हो बात अमावस रात की
मां बहनें इस भारत की
बेखौफ चलें, बेखौफ चलें
कुछ ऐसा करें,कुछ ऐसा करें
स्त्री की जब बात हो
आजाद की सी मन में मर्यादा बसे 
आजाद की सी मन में  मर्यादा बसे
आओ मेरे यारों आज़ादी की याद करें
कुछ खुदीराम को याद करें
कुछ सुभाष बोस को प्रणाम करें
जैसा चाहा था भारत उनने 
उस भारत का हिस्सेदार बने
मजदूरो

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