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"बिवाई"
माना कि
माना……कि
बहुत
बहुत ऊचाई को छुआ है तुमने
लेकिन फ़ायदा क्या
जाने कितनों कि
गाढी कमाई हुआ छुआ है तुमने
ये जो कोट महँगा पहना हैं तुमने
ज़रूर……ज़रूर
गरीबों के चीथड़े से ही बुना है तुमने
बहुत उपदेश कटाक्ष ताने दिए हैं तुमने
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