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रंग अब रंग नहीं रहे,
रंग अब मज़हबी हो गए है।
नारंगी रंग अब अपने है,
हरे रंग पराए हो गए है।
कपड़े कभी थे सूती और रेशमी,
अब केवल नारंगी और हरे रह गए है।
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रंग अब रंग नहीं रहे,
रंग अब मज़हबी हो गए है।
नारंगी रंग अब अपने है,
हरे रंग पराए हो गए है।
कपड़े कभी थे सूती और रेशमी,
अब केवल नारंगी और हरे रह गए है।
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