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फूल मत तोड़ तितलियांँ मत छेड़ा कर
चुभ जायेंगे कांँटे सरपट मत दौड़ा कर
तू रूठ जा हम से मैं हरबार मना लूंँगा
मगर मेरी जान तू मुंँह मत फेरा कर
×××
©पुरुषोत्तम
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फूल मत तोड़ तितलियांँ मत छेड़ा कर
चुभ जायेंगे कांँटे सरपट मत दौड़ा कर
तू रूठ जा हम से मैं हरबार मना लूंँगा
मगर मेरी जान तू मुंँह मत फेरा कर
×××
©पुरुषोत्तम
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