Share0 Bookmarks 43203 Reads1 Likes
सात संदूकों में बंद कोई राज़ हो तुम
मेरे सर की पगड़ी मेरा ताज हो तुम
जब से तुम ने है जन्म लिया तब से ही
मेरे जीवन का संगीत मेरा साज़ हो तुम
उर से लगाया कभी कंधे पर घुमाया तुम्हें
अपने प
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments