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गाता रहूंँ ऐसा कोई तराना दे दो
तेरा रहूंँ ऐसा कोई फसाना दे दो
वादा रहा आऊंँगा तुमसे मिलने
आने का मुझे कोई बहाना दे दो
अठारह सावन बीत गए तुम्हारे
मेरे हाथ में हाथ तुम अपना दे दो
इंतजार में हैं तुम्हारे सास ससुर
अपने हाथ का बना खाना दे दो
तुम्हारे मम्मी पापा की है इच्छा ये
हमारे बच्चों को नानी नाना दे दो
ऊब गया हूंँ तकिया पर सो कर
अपने बाहों का सिरहाना दे दो
ये फोन पर बातें मुझसे न होगी
मुझको प्यार वही पुराना दे दो
×××
©पुरुषोत्तम
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