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जो सिर्फ मेरा था गैरों में तुमने बांँट दिया
इस तरह मेरा ही हिस्सा मुझसे छांँट दिया
मानता हूंँ के जिस्मानी प्यार भी जरूरी है
पर तुमने रूहानी इश्क का गला घोंट दिया
नासाज थी तबियत, मिलवा कर रकीब से
दर्द जहांँ था मुझे
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