
Share0 Bookmarks 28 Reads2 Likes
कहां जाना है,
कब घर से निकलना है।
कब शांत होना है,
कहां पर जलना है।
केवल चलना ही नहीं है जिंदगी,
जरूरी है कि
मंजिल क्या है? कहां पर रुकना है।
— पुखराज तेली | @poetpukhrajteli
No posts
No posts
No posts
No posts
कहां जाना है,
कब घर से निकलना है।
कब शांत होना है,
कहां पर जलना है।
केवल चलना ही नहीं है जिंदगी,
जरूरी है कि
मंजिल क्या है? कहां पर रुकना है।
— पुखराज तेली | @poetpukhrajteli
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments