जिदंगी's image
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ठहर सी गयी है मेरी जिदंगी,

शायद खुद से थक गयी है।

शुकून की तलाश में

थोडी बिखर सी गयी है।

ढूंढने जो चली थी ये अपनों को,

पिछा करते करते अपने सपनों को।

कहीं सो सी गयी है,

कही खो सी गयी है।

शायद ये अब खुद से

नाराज़ हो गयी है।


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