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हकीकत से खुबसूरत ख्वाब
अब नींद से
जागूं तो जागूं कैसे?
कतार में लगे फैसलें कई
बड़े हैं इंतजार में
चुनु तो चुनु कैसे?
शुरूआत से ही नतीजे का डर
आखिर तक
अब जाऊँ तो जाऊँ कैसे?
खुद की हर कड़ी से वाकिफ हूँ
खामोश हूँ
अब खुद को कुछ समझाऊँ तो समझाऊँ कैसे?
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