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अपने क़ातिल को भला क़ातिल कहूॅं कैसे
ये रस्ता ख़ुद चुना मैंने, मुश्किल कहूॅं कैसे
यूॅं तो बहुत लोग आए हैं बज़्म में फिर भी
अजनबी-सी लग रही महफ़िल कहूॅं कैसे
सुनेगा कौन दिल को, आवाज़ दूॅं किसको
सूना सूना सा है ये मेरा दिल, कहूॅं कैसे
अब पार होने की कोई ख्वाहिश ही नहीं
डूबा ले मुझको ऐ मेरे साहिल, कहूॅं कैसे
नाकामियों का दौर है, मंज़िल अभी दूर है
है भरोसा, ख़ुद को नाकाबिल कहूॅं कैसे
कल किसने देखा, कल किसने जाना है
क्या लाएगा मेरा मुस्तकबिल कहूॅं कैसे
ये रस्ता ख़ुद चुना मैंने, मुश्किल कहूॅं कैसे
यूॅं तो बहुत लोग आए हैं बज़्म में फिर भी
अजनबी-सी लग रही महफ़िल कहूॅं कैसे
सुनेगा कौन दिल को, आवाज़ दूॅं किसको
सूना सूना सा है ये मेरा दिल, कहूॅं कैसे
अब पार होने की कोई ख्वाहिश ही नहीं
डूबा ले मुझको ऐ मेरे साहिल, कहूॅं कैसे
नाकामियों का दौर है, मंज़िल अभी दूर है
है भरोसा, ख़ुद को नाकाबिल कहूॅं कैसे
कल किसने देखा, कल किसने जाना है
क्या लाएगा मेरा मुस्तकबिल कहूॅं कैसे
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