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इंतक़ाम लूॅंगा

Priyam DubeyPriyam Dubey June 28, 2022
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इंतक़ाम लूॅंगा अपनी अनकही ग़ज़लों में
लब खोलूॅंगा पर गाली में नहीं ग़ज़लों में

यूॅं तो मैंने अश्कों से लिखा नहीं है मगर
दर्द छलक आया है कहीं-कहीं ग़ज़लों में

बेशक कुछ गीले-सिकवे हैं तुमसे तो
मैंने कर दिया शिकायत यूॅं हीं ग़ज़लों में

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