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चाहे जितना करा लो इंतज़ार पर आओगी एक दिन
जीते-जी ना सही मेरे मज़ार पर आओगी एक दिन
जैसे तेरी गलियों में आज फिरता हूॅं मैं मारा-मारा
देखना तुम भी मेरे द्वार पर आओगी
जीते-जी ना सही मेरे मज़ार पर आओगी एक दिन
जैसे तेरी गलियों में आज फिरता हूॅं मैं मारा-मारा
देखना तुम भी मेरे द्वार पर आओगी
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